खुशियाँ बाटने से मिलती है -Inspirational Story in hindi
एक बच्चा गला देने वाली सर्दी मेंनंगे पैर गुलदस्ते बेच रहा था ।
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लोग उसमें भी मोल भाव कर रहे थे ।
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एक सज्जन को उसके पैर देखकर बहुत दुःख हुआ, सज्जन ने बाज़ार से नया जूता ख़रीदा और उसे देते हुए कहा "बेटा लो, ये जूता पहन लो"
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लड़के ने फ़ौरन जूते निकाले और पहन लिए, उसका चेहरा ख़ुशी से दमक उठा था । वो उस सज्जन की तरफ़ पल्टा और हाथ थाम कर पूछा, "आप भगवान हैं ?
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"उसने घबरा कर हाथ छुड़ाया और कानों को हाथ लगा कर कहा, "नहीं बेटा, नहीं, मैं भगवान नहीं"
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लड़का फिर मुस्कराया और कहा,
"तो फिर ज़रूर भगवान के दोस्त होंगे, क्योंकि मैंने कल रात भगवान से कहा था कि मुझे नऐ जूते दे दें" और आज आप जूते लेकर आ गये ।
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वो सज्जन मुस्कुरा दिये और उसके माथे को प्यार से चूमकर एक गहरी आत्म संतुष्टि लिये अपने घर की
तरफ़ चल पड़े ।
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मित्रों, मेरा निजी मानना यही है यही ईश्वर की सच्ची पूजा है किसी के दुखों में उसे सहारा दे सकें परमात्मा कभी दूध के लोटे चढ़ाने से प्रसन्न हो या न हो लेकिन यही दया भाव उसकी सार्थक पूजा है दूध के लोटे तो व्यक्ति स्वार्थवश और पूर्वनियोजित चढ़ाता है । ऐसी सेवा करो जो निस्वार्थ हो और नियोजित न हो ।
फिर देखिये अपने भीतर अपने जीवन का नया बदलाव ।
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दोस्तों खुशियाँ बाटने से मिलती है ।
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